World Asthma Day 2023: किन वजहों से होता है अस्थमा, क्या हैं लक्षण और इलाज...यहां जानिए सबकुछ
अस्थमा के मरीज समय के साथ तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 2 मई को अस्थमा दिवस मनाया जाता है. यहां जानिए इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके.
Image- Freepik
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अस्थमा एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जिसमें मरीज की सांस की नली में सूजन आ जाती है और सांस की नली धीरे-धीरे सिकुड़ने लगती है. ऐसे में मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है. बढ़ते प्रदूषण, सिगरेट आदि मादक पदार्थों की लत के कारण अस्थमा के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. डब्ल्यूएचओ की मानें तो साल 2019 में अस्थमा से करीब 262 मिलियन लोग प्रभावित थे और 455 000 लोगों की इसके कारण मृत्यु हुई. इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 2 मई को विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) मनाया जाता है. आइए चेस्ट कंसल्टेंट व अस्थमा भवन जयपुर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. निष्ठा सिंह से जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी खास बातें.
अस्थमा की वजह
अस्थमा की बीमारी की तमाम वजह हो सकती हैं. खास कारण आउटडोर और इनडोर प्रदूषण, पुरानी डस्ट, परफ्यूम, छौंक का धुआं, जानवरों के फर, धू्म्रपान, तंबाकू का अधिक सेवन, दिवाली के पटाखों का धुआं, तेज हवा, अचानक मौसम में बदलाव व आनुवांशिकता आदि को माना जाता है.
इन लक्षणों से करें पहचान
अस्थमा की बीमारी में सांस नलियां सिकुड़ जाती हैं. ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में समस्या होती है और घुटन की स्थिति पैदा होने लगती है. इन हालातों में सांस फूलना, घरघराहट या सीटी की आवाज आना, सीने में जकड़न महसूस होना, बेचैनी महसूस करना, खांसी, सिर में भारीपन, थकावट महसूस करना आदि लक्षण सामने आते हैं. कई बार परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि स्थिति को सामान्य बनाने के लिए मरीज को फौरन इन्हेलर का सहारा लेना पड़ता है. यदि समय रहते इन्हेलर न मिले तो समस्या गंभीर भी हो सकती है.
किसी भी उम्र में हो सकती है परेशानी
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डॉ. निष्ठा सिंह बताती हैं कि अस्थमा की परेशानी किसी भी उम्र में हो सकती है. इसलिए इस तरह के किसी भी लक्षण के दिखने पर विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए, ताकि बीमारी की समय रहते पहचान की जा सके और सही इलाज किया जा सके. आमतौर पर अस्थमा की पहचान के लिए पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट, स्किन प्रिक टेस्ट, स्पायरोमेट्री, ब्लड टेस्ट आदि कराए जाते हैं.
इन्हेलर है सच्चा दोस्त
डॉ. निष्ठा सिंह का कहना है कि अस्थमा की बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं होती, लेकिन यदि सावधानी बरतकर मरीज इसके कारणों से बचाव करे तो काफी फायदा हो सकता है. इलाज के तौर पर इसमें इन्हेलर दिया जाता है जिसमें दवा डालकर मरीज को लेनी होती है. इसलिए इन्हेलर को अस्थमा मरीजों का सच्चा दोस्त कहा जाता है. विशेषज्ञ मरीज की स्थिति के हिसाब से उसे इन्हेलर का सुझाव देते हैं. कुछ मरीजों को अस्थमा अटैक पड़ने पर ही इन्हेलर लेना पड़ता है. वहीं समस्या गंभीर होने पर मेंटिनेंस इन्हेलर दिए जाते हैं जिन्हें रोज निश्चित समय पर लेना पड़ता है.
इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
- अस्थमा के मरीजों को परफ्यूम, प्रदूषण, पालतू जानवर, तंबाकू, सिगरेट आदि से परहेज करना चाहिए.
- छौंक के धुएं आदि से बचने के लिए किचेन में एग्जॉस्ट जरूर लगवाएं. एग्जॉस्ट चलाने के बाद काम की शुरुआत करें.
- घर से बाहर जाते समय इन्हेलर जरूर साथ रखें. सर्दी के मौसम या अचानक मौसम में परिवर्तन होने पर विशेष खयाल रखें.
- धुएं से पूरी तरह बचाव करें.
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09:13 AM IST